Sen jayanti kab hai, “सेन जयंती” (Sant Shiromani Senaji Maharaj की जयंती) 2025 में 25 अप्रैल को मनाई गई थी। इस दिन शिविरों, शोभायात्राओं और महोत्सवों के माध्यम से 725वीं जयंती का आयोजन हुआ। उदाहरण के लिए, भोपाल/इंदौर क्षेत्र में भव्य समारोहों की खबरें मिली हैं, जहाँ उस दिन विशेष रूप से कार्यक्रम आयोजित किए गए थे
सेन जयंती 2025 : कब है और इसका महत्व
संत शिरोमणि सेन महाराज की जयंती को पूरे भारतवर्ष में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। सेन महाराज, जिन्हें संत सेनजी या सेन भृत्य के नाम से भी जाना जाता है, मध्यकालीन संत कवि परंपरा के एक महान संत थे। वे संत कबीर, रैदास और नामदेव की ही परंपरा में आते हैं और समाज को समानता, भाईचारा तथा भक्ति का संदेश देने वाले महान व्यक्तित्व रहे।
सन 2025 में सेन जयंती 25 अप्रैल को मनाई गई। इस अवसर पर विभिन्न राज्यों और नगरों में भव्य शोभायात्राओं, संत समागम, भजन संध्या और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। विशेषकर मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में सेन समाज ने बड़े पैमाने पर जयंती उत्सव मनाकर संत की शिक्षाओं को याद किया।
संत सेन महाराज का जीवन समाज सुधार और ईश्वर भक्ति के लिए समर्पित रहा। वे पेशे से नाई (क्षौरकार) समाज से थे, किंतु भक्ति और सदाचार के कारण समाज ने उन्हें संत शिरोमणि की उपाधि दी। उनकी शिक्षाओं में मुख्य रूप से कर्म, भक्ति और समानता पर जोर दिया गया है। उन्होंने लोगों को सिखाया कि ईश्वर की भक्ति जाति, पंथ या वर्ण से ऊपर है और सच्ची श्रद्धा वही है जिसमें मानवता और सेवा की भावना निहित हो।
सेन जयंती का पर्व केवल सेन समाज के लिए ही नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह दिन हमें संत सेन महाराज की शिक्षाओं को आत्मसात करने, भेदभाव मिटाने और समाज में प्रेम तथा एकता को स्थापित करने का अवसर प्रदान करता है।
इस प्रकार, 25 अप्रैल 2025 को मनाई गई सेन जयंती हमें संत सेनजी के आदर्शों और संदेशों को जीवन में उतारने की प्रेरणा देती है।
















